मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की चपेट में है। इस बार टकराव है दो कट्टर दुश्मनों – ईरान और इज़राइल – के बीच। हाल की घटनाओं ने वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा चिंताओं को गहराई से प्रभावित किया है। यह जंग सिर्फ मिसाइलों की नहीं, बल्कि विचारधाराओं, क्षेत्रीय दबदबे और धार्मिक राजनीति की भी है।

🔥 संघर्ष की शुरुआत कैसे हुई?
इस वर्ष अप्रैल में इज़राइल द्वारा दमिश्क में ईरान के वाणिज्यिक दूतावास पर मिसाइल हमला हुआ, जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारी मारे गए। इस हमले को ईरान ने “सीधी जंग की घोषणा” कहा और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।
इसके कुछ दिनों बाद, ईरान ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा ड्रोन और मिसाइल हमला इज़राइल पर किया। हालांकि इज़राइल और उसके सहयोगियों (अमेरिका और ब्रिटेन) ने अधिकांश मिसाइलें रोक लीं, लेकिन इस हमले ने मध्य पूर्व में तनाव की लपटें और तेज कर दीं।

🛡️ इज़राइल का रुख
इज़राइल अपनी सैन्य शक्ति और हाईटेक सुरक्षा तकनीक के लिए जाना जाता है। ‘आयरन डोम’ और ‘डेविड स्लिंग’ जैसे सिस्टम्स ने ईरान के कई हमलों को निष्फल कर दिया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ किया है कि वे “अपने देश और नागरिकों की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे।”
इज़राइल का यह भी आरोप है कि ईरान हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन देता है, जो उसके खिलाफ लगातार हमले करते हैं।

🕋 ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान, जो खुद को इस्लामिक क्रांति का संरक्षक मानता है, इज़राइल को एक अवैध यहूदी राष्ट्र मानता है। उसके अनुसार, फिलिस्तीनियों पर ज़ुल्म के लिए इज़राइल को सबक सिखाना जरूरी है।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा – “हमारा हमला आत्मरक्षा था, और यदि जरूरत पड़ी, तो हम फिर हमला करेंगे।” ईरान की सेना, खासकर रिवोल्यूशनरी गार्ड्स, इज़राइल के खिलाफ और आक्रामक रणनीति की योजना बना रही है।

🌍 वैश्विक प्रतिक्रिया
इस संघर्ष ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है:
- संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
- अमेरिका और ब्रिटेन ने इज़राइल का साथ दिया और चेताया कि “ईरान की आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
- चीन और रूस ने वार्ता और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की वकालत की है।

📉 युद्ध के दुष्प्रभाव
- तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है क्योंकि मध्य पूर्व ऊर्जा का केंद्र है।
- शेयर बाजार अस्थिर हो गए हैं, खासकर एशिया और यूरोप में।
- पर्यटन और हवाई सेवाएं प्रभावित हुई हैं, खासकर इज़राइल, ईरान और अरब देशों के लिए।
🤔 निष्कर्ष: क्या यह वर्ल्ड वॉर की शुरुआत है?
फिलहाल यह एक सीमित क्षेत्रीय युद्ध है, लेकिन अगर इसमें अमेरिका, रूस, चीन या अन्य शक्तियाँ खुलकर शामिल होती हैं, तो यह वर्ल्ड वॉर जैसी स्थिति बन सकती है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह तनाव को कूटनीति से हल करें।