🛒 उत्तर प्रदेश सरकार की GeM नीति: डिजिटल खरीद प्रणाली में क्रांति

🔷 प्रस्तावना

भारत की नई डिजिटल लहर में उत्तर प्रदेश ने एक उल्लेखनीय कदम उठाया है। अब राज्य की 100% सरकारी खरीद सीधे GeM (Government e-Marketplace) पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। यह न केवल पारदर्शिता को बढ़ाता है, बल्कि MSME, स्टार्टअप्स और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को भी नया अवसर प्रदान करता है।

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📌 GeM क्या है?

Government e-Marketplace (GeM) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल खरीद प्रणाली है जहाँ सरकारी संस्थान वस्तुएँ और सेवाएँ ऑनलाइन खरीद सकते हैं। यह ई-कॉमर्स की तरह ही एक सरकारी प्लेटफॉर्म है — पर विशेष रूप से सरकारी खरीद के लिए।


🏛️ उत्तर प्रदेश में GeM का नया अध्याय

2024 में उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए यह घोषित किया कि अब राज्य की संपूर्ण सरकारी खरीद सिर्फ GeM पोर्टल पर ही होगी। यह आदेश 26 नवंबर 2024 को जारी किया गया था और 2025 में पूरे राज्य में इसे सख्ती से लागू किया गया।


📈 प्रभावशाली आँकड़े

  • 2024-25 में कुल खरीद: ₹5.43 लाख करोड़
  • GeM पर ऑर्डर: 72 लाख से अधिक
  • 5 वर्षों में कुल खरीद: ₹65,227.68 करोड़
    (साल-दर-साल वृद्धि: ₹4.6K → ₹11.3K → ₹12.2K → ₹20.2K → ₹16.8K करोड़)

इन आँकड़ों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश ने GeM को पूरी तरह अपनाकर देश में एक डिजिटल मॉडल राज्य बनने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है।


🧩 पारदर्शिता और समावेशिता

इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब किसी भी विभाग या अधिकारी द्वारा किसी कंपनी को अनावश्यक फायदा नहीं दिया जा सकता। सभी ऑर्डर ऑनलाइन, रियल-टाइम ट्रैकिंग के साथ होते हैं।

MSME, Divyangjan, महिला उद्यमी, और स्टार्टअप्स को GeM पर प्राथमिकता मिलती है। इससे स्थानीय उद्यमों को सरकार के साथ व्यापार का सुनहरा मौका मिलता है।


🗣️ केंद्रीय सरकार की सराहना

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा:

“उत्तर प्रदेश ने जिस तरह डिजिटल खरीद को अपनाया है, वह पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्रोत है। यह ‘डिजिटल इंडिया’ के मूल दर्शन के अनुरूप है।”


💡 चुनौतियाँ भी हैं…

जहाँ फायदे अनगिनत हैं, वहीं कुछ चुनौतियाँ भी सामने आईं:

  • इंटरनेट सुविधा वाले दूरदराज़ क्षेत्रों में प्रशिक्षित सप्लायर्स की कमी
  • तकनीकी glitches और पोर्टल responsiveness में सुधार की आवश्यकता
  • साइबर सुरक्षा और डेटा प्रोटेक्शन का सवाल

इन समस्याओं से निपटने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रशिक्षण और अवेयरनेस प्रोग्राम चला रही है।


🔍 निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश का यह कदम भारत के डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक मील का पत्थर है। पारदर्शिता, समावेशिता और दक्षता को मिलाकर यह मॉडल आने वाले वर्षों में अन्य राज्यों के लिए “बेस्ट प्रैक्टिस” साबित हो सकता है।

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